तू नहीं नरम, तू नहीं अबलजो नहीं तेरा या तेरे लिए उसे बदलदरवाजे बंद नहीं तेरे, विकल्प खत्म नहीं तेरेतू तप जा इतनी कि धधक उठे सकंल्प तरेे तू क्या थी, तू कौन है?क्यों इतनी गमु तू क्यों मौन हैमैं नहीं कह रही भिड़, झगड़ लेलेकिन छीनता हो स्वत्व कोई तो तू भी निपट...

पत्नी चाहिए जो सुन्दर दिखे, प्रस्तुतिकरण ज़ोरदार हो उसका, प्रभाव छोड़े। दिमाग विमाग का कोई ख़ास रोल नहीं होता। दिमाग साधारण हो तो चल जाता है, रूप में कोई कोम्प्रोमाईज़ नहीं चाहिए। वो ऐसी हो जो चार आदमियों के सामने लाने ले जाने में अच्छी दिखे, बस। और आदमी की बराबरी या उस...

“स्नेहा को खुद का जीवन एक बोझ लगता था। खुद की ज़िन्दगी की परेशानियां बड़ी लगती थीं। लेकिन ये बिन बाप की लड़की, बचपन से लेकर जवानी तक, केवल संघर्ष! कहते हैं, अपनी परेशानियां बड़ी लगें तो दूसरों के साथ उनकी तुलना कर लो। अगर कहा जाये कि किसी से अपनी परेशानियां एक्सचेंज...